प्रिय पड़ोसन ,
आज के इस रोज़ डे पर, एक विशेष संदेश दिल से निकला है,
कि तुम छत पर आओ, और मेरी ओर से यह गुलाब स्वीकार करो।
जैसे सूरज की किरणें ताजमहल की छांव में बिखरती हैं,
वैसे ही मेरे दिल की गहराई से, तुम्हारे लिए यह एक गुलाब निकलता है।
अगर तुम उस ऊँचाई तक पहुँच सको, जहाँ हवा भी मीठी बातें कहे,
तो तुम्हारे कदमों के नीचे, गुलाब की पंखुड़ियाँ बिछा दूँगा।
छत की छांव में, संग बहती ठंडी हवाओं में,
तुम्हारे लिए यह गुलाब, मेरे नमन की निशानी बनेगा।
तुम आओ, और इस रोज़ डे को हम दोनों मिलकर एक नई याद में बदलें,
जहां गुलाब की खुशबू, दिलों के बीच की दूरियाँ मिटा दे।
तुम्हारा इंतजार रहेगा, इस प्यारी सी रचना के साथ,
जहां हर पंखुड़ी में एक नया ख्वाब, एक नई चाहत होगी।
तुम आओगी ना?
#smile_please
@muskurate_raho
आज के इस रोज़ डे पर, एक विशेष संदेश दिल से निकला है,
कि तुम छत पर आओ, और मेरी ओर से यह गुलाब स्वीकार करो।
जैसे सूरज की किरणें ताजमहल की छांव में बिखरती हैं,
वैसे ही मेरे दिल की गहराई से, तुम्हारे लिए यह एक गुलाब निकलता है।
अगर तुम उस ऊँचाई तक पहुँच सको, जहाँ हवा भी मीठी बातें कहे,
तो तुम्हारे कदमों के नीचे, गुलाब की पंखुड़ियाँ बिछा दूँगा।
छत की छांव में, संग बहती ठंडी हवाओं में,
तुम्हारे लिए यह गुलाब, मेरे नमन की निशानी बनेगा।
तुम आओ, और इस रोज़ डे को हम दोनों मिलकर एक नई याद में बदलें,
जहां गुलाब की खुशबू, दिलों के बीच की दूरियाँ मिटा दे।
तुम्हारा इंतजार रहेगा, इस प्यारी सी रचना के साथ,
जहां हर पंखुड़ी में एक नया ख्वाब, एक नई चाहत होगी।
तुम आओगी ना?
#smile_please
@muskurate_raho